Monday, November 2, 2015

Dolphin Infrared Body Massager

Dolphin Infrared Body Massager

Product Description
Really, really powerful massager at a very friendly cost. After a hard day of work, commute/travel and all that stress, use this DIY body, neck, foot, legs, hand massager. Even for more health benefits, ask someone to do it for you. Not battery powered but uses 220V power plug for unlimited use.

Even great, the package contains three (3) different plastic massaging head for different massaging and soothing effect. Choose between two massage speeds, weak or strong, depending on your preference and what soothes you. Built-in infra red too for the therapeutic effect. Ergonomically designed for that perfect grip.

Sold at a very much higher price at malls, get this now from us. A brand new se and with warranty, this is supplied in gift box packing and with warranty note.

The Dolphin Massager, a powerful, hand-held massager with three attachment options designed to stimulate pressure points and relax stiff muscles and nerves. The result is instant rejuvenation and extreme relaxation with enhanced blood circulation.

High Frequency points can massage the temples, and other brain points to eliminate uncomfortable feeling of drowsiness and fatigue, poor memory and appetite.

    »   Stimulates Nerve Ends By Reflexology Therapy.

    »   Promotes blood circulation and body metabolism.

    »   Applicable for physiotherapy of all the parts of the body

    »   Relaxes muscles from tiredness and the pain of nerve

    »   With speed adjusting function

    »   Two Massage Adjustment for your selection.

    »   Streamlined design, light and nice

    »   Dolphin style can massage every part of our body

    »   Reduces pains caused by fatigue or rheumatism

    »   Eliminates spasm in the shoulder and Lower Back

    »   Relaxes the muscles and eliminates pain caused by rigorous sporting activity

    »   Loss of weight.

AC  Power-Operated
Nice grip and hold
Varying speeds and power
Massage heads are included
Easy to use
Comfortable to use
Ergonomic Design
Relieve stress and tensions
Low Price
With 30-Day Warranty
Maintenance free
220 volts powered

Best Price Rs. 1440

Grover Health Centre
Ratia -125051
Mob. 08683011969

Monday, October 26, 2015

कलौंजी लगाएं, सर पर लहलहाते बाल वापस पाएं


प्रेषित : Oct 19, 2015

महिलाएं ही क्या पुरुष भी आम तौर पर अपने बालों को लेकर काफी चिंतित रहते हैं, आज की आधुनिक शैली और आधुनिक प्रोडक्ट्स ने हमारे शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाय नुक्सान ही पहुंचाया है. बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे आसपास ऐसी बहुत सारी चीजें हैं, जिन्हें सही तरीके से खाकर सुन्दर त्वचा, बालों से लेकर अच्छी सेहत का फायदा उठाया जा सकता है.

इन्हीं में शामिल है कलौंजी जिसमें बहुत सारे मिनरल्स और न्यूट्रिएंट्स होते हैं. आयरन, सोडियम, कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर कलौंजी कई प्रकार के रोगों का घर बैठे इलाज है. लगभग 15 एमीनो एसिड वाला कलौंजी शरीर के लिए जरूरी प्रोटीन की कमी भी पूरी करता है.

बालों को लाभ

कलौंजी के लाभ में से सबसे बड़ा लाभ बालों को होता है. अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्ट्रेस जैसी कई समस्याओं से महिला हो या पुरुष, दोनों के ही साथ बालों के गिरने की समस्या आम हो चुकी है. इसके लिए तमाम तरह के ट्रीटमेंट कराने पर भी फायदा नहीं होता. लेकिन घर में मौजूद कलौंजी इस समस्या के निपटारे में बहुत ही कारगर उपाय है. सिर पर 20 मिनट तक नींबू के रस से मसाज करें और फिर अच्छे से धो लें. इसके बाद कलौंजी का तेल बालों में लगाकर उसे अच्छे से सूखने दें. लगातार 15 दिनों तक इसका इस्तेमाल बालों के गिरने की समस्या को दूर करता है.

कलौंजी ऑयल, ऑलिव ऑयल और मेहंदी पाउडर को मिलाकर हल्का गर्म करें. ठंडा होने दें और हफ्ते में एक बार इसका इस्तेमाल करें. इससे गंजेपन की समस्या भी दूर होती है.

कलौंजी की राख को तेल में मिलाकर गंजे अपने सर पर मालिश करें कुछ दिनों में नए बाल पैदा होने लगेंगे. इस प्रयोग में धैर्य महत्वपूर्ण है.

कलौंजी के अन्य लाभ

डायबिटीज से बचाता है, पिंपल की समस्या दूर, मेमोरी पावर बढ़ाता है, सिरदर्द करे दूर, अस्थमा का इलाज, जोड़ों के दर्द में आराम, आंखों की रोशनी, कैंसर से बचाव, ब्लड प्रेशर करे कंट्रोल.

कलौंजी एक बेहद उपयोगी मसाला है. इसका प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है.
कलौंजी की सब्जी भी बनाई जाती है.
कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है.
कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ़ करने वाला होता है. इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व
अनावश्यक द्रव्य को भी दूर रखता है. कलौंजी का तेल सुबह ख़ाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं. गर्भावस्था के समय स्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है.

कलौंजी का तेल बनाने के लिए 50 ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई किलो पानी में उबालें. उबलते-उबलते जब यह केवल एक किलो पानी रह जाए तो इसे
ठंडा होने दें. कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है. इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के ऊपर तैरता हुआ तेल खत्म न हो जाए. फिर इस तेल को छानकर शीशी में भर लें और इसका प्रयोग औषधि के रूप में करें.

आयुर्वेद कहता है कि इसके बीजों की ताकत सात साल तक नष्ट नहीं होती. दमा, खांसी, एलर्जीः एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शहद तथा आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह निराहार (भोजन से पूर्व) पी लेना चाहिए, फिर रात में भोजन के बाद उसी प्रकार आधा चम्मच कलौंजी और एक चम्मच शहद गर्म पानी में मिलाकर इस मिश्रण का सेवन कर लेना चाहिए. इस प्रकार 40 दिनों तक प्रतिदिन दो बार पिया जाए. सर्दी के ठंडे पदार्थ वर्जित हैं.

मधुमेहः एक कप काली चाय में आधा चाय का चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह नाश्ते से पहले पी लेना चाहिए. फिर रात को भोजन के पश्चात सोने से पहले एक कप चाय में एक चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर पी लेना चाहिए. चिकनाई वाले पदार्थों के उपयोग से बचें. इस इलाज के साथ अंगे्रजी दवा का उपयोग होता है तो उसे जारी रखें और बीस दिनों के पश्चात शर्करा की जांच करा लें. यदि शक्कर नार्मल हो गई हो तो अंग्रेजी दवा बंद कर दें, किंतु कलौंजी का सेवन करते रहें.

हृदय रोगः एक कप दूध में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर प्रतिदिन दो बार प्रयोग करें. इस तरह दस दिनों तक उपचार चलता रहे. चिकनाई वाले पदार्थों का सेवन न करें.

नेत्र रोगों की चिकित्साः नेत्रों की लाली, मोतियाबिंद, आंखों से पानी का जाना, आंखों की तकलीफ और आंखों की नसों का कमजोर होना आदि में एक कप गाजर के जूस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सुबह (निराहार) और रात में सोते समय लेना चाहिए. इस प्रकार 40 दिनों तक इलाज जारी रखें. नेत्रों को धूप की गर्मी से बचाएं.

अपच या पेट दर्द में आप कलौंजी का काढा बनाइये फिर उसमे काला नमक मिलाकर सुबह शाम पीजिये. दो दिन में ही आराम देखिये.
कैंसर के उपचार में कलौजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक ग्लास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लें.

हृदय रोग, ब्लड प्रेशर और हृदय की धमनियों का अवरोध के लिए जब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक छोटी चम्मच तेल मिला कर लें.

सफेद दाग और लेप्रोसीः 15 दिन तक रोज पहले सेब का सिरका मलें, फिर कलौंजी का तेल मलें.

एक चाय की प्याली में एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल डाल कर लेने से मन शांत हो जाता है और तनाव के सारे लक्षण ठीक हो जाते हैं.

कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें और एक बड़ी चम्मच तेल दिन में तीन बार लें. 15 दिन में बहुत आराम मिलेगा.

एक बड़ी चम्मच कलौंजी के तेल को एक बड़ी चम्मच शहद के साथ रोज सुबह लें, आप तंदुरूस्त रहेंगे और कभी बीमार नहीं होंगे; स्वस्थ और निरोग रहेंगे .

याददाश्त बढाने के लिए और मानसिक चेतना के लिए एक छोटी चम्मच कलौंजी का तेल 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ सेवन करें.

पथरी हो तो कलौंजी को पीस कर पानी में मिलाइए फिर उसमे शहद मिलाकर पीजिये, १०-११ दिन प्रयोग करके टेस्ट करा लीजिये.कम न हुई हो तो फिर १०-११ दिन पीजिये.

अगर गर्भवती के पेट में बच्चा मर गया है तो उसे कलौंजी उबाल कर पिला दीजिये, बच्चा निकल जायेगा.और गर्भाशय भी साफ़ हो जाएगा.

किसी को बार-बार हिचकी आ रही हो तो कलौंजी के चुटकी भर पावडर को ज़रा से शहद में मिलकर चटा दीजिये.

अगर किसी को पागल कुत्ते ने काट लिया हो तो आधा चम्मच से थोडा कम करीब तीन ग्राम कलौंजी को पानी में पीस कर पिला दीजिये, एक दिन
में एक ही बार ३-४ दिन करे.

जुकाम परेशान कर रहा हो तो इसके बीजों को गरम कीजिए ,मलमल के कपडे में बांधिए और सूंघते रहिये.

दो दिन में ही जुकाम और सर दर्द दोनों गायब . कलौंजी की राख को पानी से निगलने से बवासीर में बहुत लाभ होता है.

कलौंजी का उपयोग चर्म रोग की दवा बनाने में भी होता है. कलौंजी को पीस कर सिरके में मिलकर पेस्ट बनाए और मस्सों पर लगा लीजिये. मस्से कट जायेंगे. मुंहासे दूर करने के लिए कलौंजी और सिरके का पेस्ट रात में मुंह पर लगा कर सो जाएँ.

जब सर्दी के मौसम में सर दर्द सताए तो कलौंजी और जीरे की चटनी पीसिये और मस्तक पर लेप कर लीजिये.

घर में कुछ ज्यादा ही कीड़े-मकोड़े निकल रहे हों तो कलौंजी के बीजों का धुँआ कर दीजिये.

गैस/पेट फूलने की समस्या --50 ग्राम जीरा, 25 ग्राम अजवायन, 15 ग्राम कलौंजी अलग-अलग भून कर पीस लें और उन्हें एक साथ मिला दें. अब 1 से 2 चम्मच मीठा सोडा, 1 चम्मच सेंधा नमक तथा 2 ग्राम हींग शुद्ध घी में पका कर पीस लें. सबका मिश्रण तैयार कर लें. गुनगुने पानी की सहायता से 1 या आधा चम्मच खाएं.

महिलाओं को अपने यूट्रस (बच्चेदानी) को सेहतमंद बनाने के लिए डिलीवरी के बाद कलौंजी का काढा ४ दिनों तक जरूर पी लेना चाहिए. काढ़ा बनाने के लिए दस ग्राम कलौंजी के दाने एक गिलास पानी में भिगायें, फिर २४ घंटे बाद उसे धीमी आंच पर उबाल कर आधा कर लीजिये. फिर उसको ठंडा करके पी जाइये, साथ ही नाश्ते में पचीस ग्राम मक्खन जरूर खा लीजियेगा. जितने दिन ये काढ़ा पीना है उतने दिन मक्खन जरूर खाना है.

आपको अगर बार बार बुखार आ रहा है अर्थात दवा खाने से उतर जा रहा है फिर चढ़ जा रहा है तो कलौंजी को पीस कर चूर्ण बना लीजिये फिर उसमे गुड मिला कर सामान्य लड्डू के आकार के लड्डू बना लीजिये. रोज एक लड्डू खाना है ५ दिनों तक , बुखार तो पहले दिन के बाद
दुबारा चढ़ने का नाम नहीं लेगा पर आप ५ दिन तक लड्डू खाते रहिएगा, यही काम मलेरिया बुखार में भी कर सकते हैं.

ऊनी कपड़ों को रखते समय उसमें कुछ दाने कलौंजी के डाल दीजिये,कीड़े नहीं लगेंगे.

भैषज्य रत्नावली कहती है कि अगर कलौंजी को जैतून के तेल के साथ सुबह सवेरे खाएं तो रंग एकदम लाल सुर्ख हो जाता है. चेहरे को सुन्दर व आकर्षक बनाने के लिए कलौंजी के तेल में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर बाद चेहरा धो लें. इससे चेहरे के दाग़-धब्बे दूर होते हैं.

नोट : यूं तो ये सारे उपाय आयुर्वेद की किताब से लिए गए हैं और नुक्सान होने की आशंका नगण्य है फिर भी कोई भी उपचार अपनाने से पहले घर के बुजुर्गों की सलाह अवश्य लें, क्योंकि हर शरीर की तासीर अलग होती है, जिससे शरीर कोई विपरीत प्रतिक्रया भी दे सकता है.

Tags: health and beauty

Saturday, March 21, 2015

How to use a hair crimped


  1. Use a Hair Crimper Step 1.jpg
    1
    Choose a hair crimper. These tools are available at most beauty supply stores, and come in a variety of different brands. Like hair straighteners and curling irons, they are plugged in and heated prior to styling. Unlike hair straighteners, crimpers have zig-zagged plates that create texture in hair.
    • Take the following into account when choosing a crimper: temperature settings (the higher the temperature, the more effective the styling will be), size of the styling plate, and ceramic versus metal plates.

      Use a Hair Crimper Step 1Bullet1.jpg
    • Ceramic styling tools claim to cause less damage to hair, but regardless, all hot styling tools cause damage to hair with prolonged use.

      Use a Hair Crimper Step 1Bullet2.jpg

  2. Control Your Hair Step 1.jpg
    2
    Wash and dry hair. Allow hair to completely dry, because the crimper won't work on wet hair. Be sure to condition your hair and brush out any tangles prior to styling.
    • If you are prone to frizzy hair, then apply a dime-sized amount of anti-frizzing serum.

      Use a Hair Crimper Step 2Bullet1.jpg
    • To protect your hair from heat damage, you may want to apply a heat-protecting product like Argon Oil to the ends of hair prior to styling.

      Make Hair Naturally Wavy Step 2.jpg

  3. Use a Hair Crimper Step 3.jpg
    3
    Plug in the hair crimper.Choose the appropriate heat setting and allow it to warm up for 3-5 minutes. The higher the heat setting, the more effective the styling will be. However, high heat settings also cause more damage to your hair. Consider this trade-off before styling.
    • You will need to have a mirror in front of you while styling, so plug the crimper into an outlet in your bathroom or bedroom where you have access to a mirror.

  4. Use a Hair Crimper Step 4.jpg
    4
    Decide what parts of your hair you want to style. You may want to crimp your entire head of hair, or simply isolate certain strips of hair for a quirkier look.

  5. Use a Hair Crimper Step 5.jpg
    5
    Style hair in two-inch sections.Grab a section of hair with your non-dominant hand and gently clamp down the crimper using your other hand, starting at the roots. Get as close to your scalp as possible without burning it. Hold down for at least five seconds, and then release the clamps.
    • Slide the tool down the length of your hair and clamp down on the next section, and continue until the entire section is crimped.

      Use a Hair Crimper Step 5Bullet1.jpg

  6. Use a Hair Crimper Step 6.jpg
    6
    Secure the style with hair spray. If your hair tends to not hold a style for very long, then spritz your hair with a styling spray for longer-lasting waves. Hairspray is also a good idea if you plan on being in windy weather or driving with the windows down.

Wednesday, January 14, 2015

श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित

श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित !!
श्री गुरु चरण सरोज रज,निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु,जो दायकु फल चारि।
《अर्थ》→ शरीर गुरु महाराज के चरण
कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र
करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन
करता हूँ,जो चारों फल धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष
को देने वाला हे।★
•••••••••••••••••••••••••••••
बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरो पवन-कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं,हरहु कलेश विकार।★
《अर्थ》→ हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन
करता हूँ। आप तो जानते ही हैं,कि मेरा शरीर और
बुद्धि निर्बल है।मुझे शारीरिक बल,सदबुद्धि एवं
ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कार
दीजिए।★
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,जय कपीस तिहुँ लोक
उजागर॥1॥★
《अर्थ 》→ श्री हनुमान जी!आपकी जय हो।
आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर!
आपकी जय हो!तीनों लोकों,स्वर्ग लोक,भूलोक और
पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥
2॥★
《अर्थ》→ हे पवनसुत अंजनी नंदन!आपके समान
दूसरा बलवान नही है।★
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महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥

《अर्थ》→ हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम
वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है,और
अच्छी बुद्धि वालो के साथी,सहायक है।★
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कंचन बरन बिराज सुबेसा ,कानन कुण्डल कुंचित केसा॥
4॥★
《अर्थ》→ आप सुनहले रंग,सुन्दर
वस्त्रों,कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से
सुशोभित हैं।★
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हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे,काँधे मूँज जनेऊ साजै॥
5॥★
《अर्थ》→ आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा है और
कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।★
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शंकर सुवन केसरी नंदन,तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥★
《अर्थ 》→ हे शंकर के अवतार!हे केसरी नंदन आपके
पराक्रम और महान यश की संसार भर मे
वन्दना होती है।★
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विद्यावान गुणी अति चातुर,रान काज करिबे को आतुर॥
7॥★
《अर्थ 》→ आप प्रकान्ड विद्या निधान है,गुणवान
और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने
के लिए आतुर रहते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन
बसिया॥8॥★
《अर्थ 》→ आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस
लेते है।श्री राम,सीताऔर लखन आपके हृदय मे बसे
रहते है।★
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सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा,बिकट रुप धरि लंक
जरावा॥9॥★
《अर्थ》→ आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके
सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके
लंका को जलाया।★
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भीम रुप धरि असुर संहारे,रामचन्द्र के काज संवारे॥
10॥★
《अर्थ 》→ आपने विकराल रुप धारण करके
राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के
उदेश्यों को सफल कराया।★
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लाय सजीवन लखन जियाये,श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥

《अर्थ 》→ आपने संजीवनी बुटी लाकर लक्ष्मण
जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर
आपको हृदय से लगा लिया।★
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रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई,तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥
12॥★
《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत
प्रशंसा कीऔर कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे
भाई हो।★
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सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,अस कहि श्री पति कंठ
लगावैं॥13॥★
《अर्थ 》→ श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से
लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।★
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सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद,सारद सहित अहीसा॥
14॥★
《अर्थ》→
श्री सनक,श्री सनातन,श्री सनन्दन,श्री सनत्कुमार
आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद
जी,सरस्वती जी,शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते
है।★
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जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,कबि कोबिद कहि सके
कहाँ ते॥15॥★
《अर्थ 》→ यमराज,कुबेर आदि सब दिशाओं के
रक्षक,कवि विद्वान,पंडित या कोई भी आपके यश
का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा,राम मिलाय राजपद
दीन्हा॥16॥★
《अर्थ 》→ आपनें सुग्रीव जी को श्रीराम से
मिलाकर उपकार किया ,जिसके कारण वे राजा बने।★
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तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,लंकेस्वर भए सब जग
जाना॥17॥★
《अर्थ 》→ आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन
किया जिससे वे लंका के राजा बने,इसको सब संसार
जानता है।★
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जुग सहस्त्र जोजन पर भानू,लील्यो ताहि मधुर फल
जानू॥18॥★
《अर्थ 》→ जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर
पहुँचने के लिए हजार युग लगे।दो हजार योजन
की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर
निगल लिया।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,जलधि लांघि गये अचरज
नाहीं॥19॥★
《अर्थ 》→ आपने श्री रामचन्द्र
जी की अंगूठी मुँह
मे रखकर समुद्र को लांघ
लिया,इसमें कोई आश्चर्य नही है।★
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दुर्गम काज जगत के जेते,सुगम अनुग्रह तुम्हरे
तेते॥20॥★
《अर्थ 》→ संसार मे जितने भी कठिन से कठिन काम
हो,वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
राम दुआरे तुम रखवारे,होत न आज्ञा बिनु पैसा रे ॥
21॥★
《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप
रखवाले है,जिसमे आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश
नही मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम
कृपा दुर्लभ है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,तुम रक्षक काहू
को डरना ॥22॥★
《अर्थ 》→ जो भी आपकी शरण मे आते है,उस
सभी को आन्नद प्राप्त होता है,और जब आप रक्षक
है,तो फिर किसी का डर नही रहता।★
••••••••••••••••••••••••••••••
आपन तेज सम्हारो आपै,तीनों लोक हाँक ते काँपै॥
23॥★
《अर्थ 》→ आपके सिवाय आपके वेग को कोई नही रोक
सकता,आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।★
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भूत पिशाच निकट नहिं आवै,महावीर जब नाम सुनावै॥24॥

《अर्थ 》→ जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम
सुनाया जाता है,वहाँ भूत,पिशाच पास भी नही फटक
सकते।★
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नासै रोग हरै सब पीरा,जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥★
《अर्थ 》→ वीर हनुमान जी!आपका निरंतर जप करने से
सब रोग चले जाते है,और सब पीड़ा मिट जाती है।
•••••••••••••••••••••••••••••••
संकट तें हनुमान छुड़ावै,मन क्रम बचन ध्यान
जो लावै॥26॥★
《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! विचार करने मे,कर्म करने
मे और बोलने मे,जिनका ध्यान आपमे रहता है,उनको सब
संकटो से आप छुड़ाते है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
सब पर राम तपस्वी राजा,तिनके काज सकल तुम साजा॥
27॥★
《अर्थ 》→ तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे
श्रेष्ठ है,उनके सब कार्यो को आपने सहज मे कर
दिया।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
और मनोरथ जो कोइ लावै,सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥

《अर्थ 》→ जिसपर आपकी कृपा हो,वह कोई
भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है
जिसकी जीवन मे कोई सीमा नही होती।★
••••••••••••••••••••••••••••••
चारों जुग परताप तुम्हारा,है परसिद्ध जगत उजियारा॥
29॥★
《अर्थ 》→ चारो युगों सतयुग,त्रेता,द्वापर
तथा कलियुग मे आपका यश फैला हुआ है,जगत मे
आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।★
••••••••••••••••••••••••••••••
साधु सन्त के तुम रखवारे,असुर निकंदन राम दुलारे॥
30॥★
《अर्थ 》→ हे श्री राम के दुलारे ! आप
सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते
है।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ,अस बर दीन जानकी माता॥
३१॥★
《अर्थ 》→ आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान
मिला हुआ है,जिससे आप
किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते
है।★
1.) अणिमा → जिससे साधक किसी को दिखाई
नही पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ मे प्रवेश कर
जाता है।★
2.) महिमा → जिसमे योगी अपने को बहुत
बड़ा बना देता है।★
3.) गरिमा → जिससे साधक अपने को चाहे
जितना भारी बना लेता है।★
4.) लघिमा → जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन
जाता है।★
5.) प्राप्ति → जिससे इच्छित पदार्थ
की प्राप्ति होती है।★
6.) प्राकाम्य → जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी मे
समा सकता है,आकाश मे उड़ सकता है।★
7.) ईशित्व → जिससे सब पर शासन का सामर्थय
हो जाता है।★
8.)वशित्व → जिससे दूसरो को वश मे किया जाता है।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
राम रसायन तुम्हरे पासा,सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥

《अर्थ 》→ आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण मे
रहते है,जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य
रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।★
•••••••••••••••••••••••••••••••
तुम्हरे भजन राम को पावै,जनम जनम के दुख बिसरावै॥
33॥★
《अर्थ 》→ आपका भजन करने सेर श्री राम
जी प्राप्त होते है,और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर
होते है।★
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अन्त काल रघुबर पुर जाई,जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥
34॥★
《अर्थ 》→ अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम
को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे
तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।★
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और देवता चित न धरई,हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥★
《अर्थ 》→ हे हनुमान जी!आपकी सेवा करने से सब
प्रकार के सुख मिलते है,फिर अन्य
किसी देवता की आवश्यकता नही रहती।★
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संकट कटै मिटै सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥

《अर्थ 》→ हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन
करता रहता है,उसके सब संकट कट जाते है और सब
पीड़ा मिट जाती है।★
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जय जय जय हनुमान गोसाईं,कृपा करहु गुरु देव
की नाई॥37॥★
《अर्थ 》→ हे स्वामी हनुमान जी!आपकी जय हो,जय
हो,जय हो!आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान
कृपा कीजिए।★
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जो सत बार पाठ कर कोई,छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥★
《अर्थ 》→ जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार
पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे
परमानन्द मिलेगा।★
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जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
39॥★
《अर्थ 》→ भगवान शंकर ने यह हनुमान
चालीसा लिखवाया,इसलिए वे साक्षी है,कि जो इसे
पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।★
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तुलसीदास सदा हरि चेरा,कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥

《अर्थ 》→ हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास
सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय मे
निवास कीजिए।★
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पवन तनय संकट हरन,मंगल मूरति रुप।
राम लखन सीता सहित,हृदय बसहु सुरभुप॥★
《अर्थ 》→ हे संकट मोचन पवन कुमार!आप आनन्द
मंगलो के स्वरुप है।हे देवराज! आप
श्री राम,सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे
निवास कीजिए।★

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